रोशनी ऐसे नहीं आती
साथ लाती है अपनी परछाइयाँ
पत्थरों पर धीरे-धीरे
गिरती है बारिश
विलाप की तरह :
वह परछाईं की ओर
ललक से देखता है
जैसे उसमें से रोशनी आएगी।
रोशनी ऐसे नहीं आती
साथ लाती है अपनी परछाइयाँ
पत्थरों पर धीरे-धीरे
गिरती है बारिश
विलाप की तरह :
वह परछाईं की ओर
ललक से देखता है
जैसे उसमें से रोशनी आएगी।