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ओळावौ / मीठेश निर्मोही
Kavita Kosh से
थनै अंगेजण
छौळां छौळ
उफणूं,
म्हैं।
आपौ बिसराय
म्हारै खार
रळ-मिळ जावै
थूं !
इण अमर आस रै
ओळावै
के निपजैला
मूंघा मोती।