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औ दिन मारै आ रात मारै / सांवर दइया
Kavita Kosh से
औ दिन मारै आ रात मारै
सोचै जिकै नै हर बात मारै
ईं जग सांमै बै पोखै म्हांनै
पण बै ई लुक परा लात मारै
थाळी छोड परो जावै देवर
होळै-सी-क भारी बात मारै
किसै मूडै देवां दोस थांनै
खुद रै हाथां हुई घात मारै
गरीब बाप नै कवांरी छोरी
चार भींतां एक छात मारै