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कदै’ई तो होसी / ओम पुरोहित कागद
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आया है
पीळा चावळ
घर सिगरी नूंतै सारू
कुम-कुम पतरी में
नाळी आळै गांव सूं
चावळ री सौरम
आस पुरावां
दिन फिरसी
रांधस्यां खीचड़ो
कदै’ई तो हो सी
मुरधर में
मोठ-बाजरी
बरस्यां बादळ।