कविता से लंबी कविता
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रचनाकार | विनोद कुमार शुक्ल |
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प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लि., 1-बी, नेताजी सुभाष मार्ग,
नई दिल्ली-110002 |
वर्ष | |
भाषा | हिंदी |
विषय | कविता |
विधा | |
पृष्ठ | 128 |
ISBN | 81-267-0189-7 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- रायुपर बिलासपुर संभाग / विनोद कुमार शुक्ल
- टहलने के वक़्त / विनोद कुमार शुक्ल
- विचारों का विचार इस तरह हुआ-- / विनोद कुमार शुक्ल
- तीन मीटर ख़ुशबू के अहाते उगा हुआ गुलाब / विनोद कुमार शुक्ल
- शरारतन मैंने मुड़कर देखा एक पेड़ को / विनोद कुमार शुक्ल
- लगभग जयहिंद / विनोद कुमार शुक्ल
- कितना कुछ नुक़सान हानि / विनोद कुमार शुक्ल
- काम पर जाती हुई औरत / विनोद कुमार शुक्ल
- जिस सड़क पर मैं चला गया / विनोद कुमार शुक्ल
- आरपार शायद इसी को कहते हैं / विनोद कुमार शुक्ल