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कवि / हुम्बरतो अकाबल / यादवेन्द्र
Kavita Kosh से
कवियों की जमात
पैदा तो होती है
बुड्ढी
पर
सालों साल के दरम्यान
हम खुद को
बना लेते हैं
निहायत बच्चा।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र