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कवि की पाण्डुलिपि / विश्वनाथप्रसाद तिवारी
Kavita Kosh से
ज़िन्दा से ज़्यादा ताक़तवर हो सकता है
मरा हुआ आदमी
ज़्यादा उपयोगी
ज़्यादा कर्मण्य
ज़्यादा आयुष्मान
यह रहस्य मैंने उस इन जाना
जिस इन मिली मुझे
एक अनाम कवि की
जर्जर पाण्डुलिपि