भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

काशिद बीच / कविता कानन / रंजना वर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दूर तक
सुरमयी
पर्वत श्रृंखलाएँ
और सामने
हरहराती
सागर की लहरें
अद्भुत नज़ारा
बीच बीच में
इधर से उधर
आते जाते
सवारियाँ ढूंढ़ते
घोड़ों के साथ
उनके मालिक ।
एक ओर
सवारियाँ तलाशती
घोड़ा गाड़ियाँ
दूसरी ओर
रँग बिरंगे वस्त्रों में
सजे सँवरे ऊँट ।
कहीं वाटर स्कूटर
तो कहीं
सजी हुई
वृहद नौकाएँ
सभी को तलाश है
रोज़ी की ।