Last modified on 22 जून 2023, at 16:04

कीड़े / कमला दास / रंजना मिश्रा

सूर्यास्त की बेला, नदी किनारे, कृष्ण ने
उससे अन्तिम बार प्रेम किया
और चले गए

उस रात अपने पति की बाहों में राधा
इतनी निस्पन्द थी कि उसके पति ने पूछा
क्या बात है ?
तुम्हें मेरे चुम्बन बुरे लग रहे हैं, प्रिये ?

और उसने कहा
नहीं, बिलकुल नहीं,
पर सोचा, मृत देह को क्या फर्क पड़ता है
अगर कीड़े मुँह मारे तो !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : रंजना मिश्र