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कुचक्र / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
अहाँ जीबि रहल छी
सूचना-संसारक विस्फोटक जुगमे
मुदा,
जरूरी नहि अछि
जहाँ जे खबरि सुनने छी
रेडियोसँ
इंटरनेट पर जे पढ़ने छी
आ टेलीविजन पर जे देखने छी
मात्र ओएह साँच होइक
भऽ सकइए
साँच कुचक्र केर शिकार भेल होअय।