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कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ना / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
वे कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ते थे
कभी पति कुत्ता बन जाता, कभी पत्नी बिल्ली
कभी पति बिल्ली बन जाता
पत्नी कुत्ता
नहीं-नहीं, पता नहीं कौन क्या बनता था
मगर लड़ने के बाद दोनों घायल होते थे
वे कुत्ते-बिल्ली होते तो लड़कर
अपने-अपने रास्ते चल देते
लेकिन बार-बार घायल होने और
बार-बार लड़ने के लिए
बार-बार वायदे करने और
बार-बार उनसे मुकरने के लिए
एक छत के नीचे रहते थे
रोज-रोज कुत्ते-बिल्लियों से लड़ने की
नई-नई कलाएं सीखते थे.