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कुर्सी / राजा पुनियानी
Kavita Kosh से
बैठने वाले का
इन्तज़ार कर रही थी
बैठी कुर्सी
एक दिन अचानक
वह तो चल पड़ी
क्या करेगा
उस पर बैठने वाला अब ?
मूल नेपाली से अनुवाद : कालिका प्रसाद सिंह