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कूच / वास्को पोपा / सोमदत्त
Kavita Kosh से
मैं अब नहीं रहा यहाँ
हिला नहीं हूँ जगह से
लेकिन यहाँ नहीं हूँ अब मैं
आने दो उन्हें यहाँ
देखने दो, ढूँढ़ने दो उन्हें
पसलियों की छाया में लगी पनचक्की
पीसती है परिपक्व ख़ालीपन
सस्ते सपनों के छोर
दहकते हैं राखदानी में
मैं अब यहाँ नहीं हूँ
बन्धी नौका उछलती है
लाल लहरों पर
कुछ गद्दर शब्द
लटकते हैं भरे हुए गले में
अब यहाँ नहीं रह गया मैं
हिला नहीं मैं अपनी जगह से
लेकिन बहुत दूर पहुँच गया हूँ
शायद ही पकड़ सकें वे अब मुझे
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त