कौन कितनी बार मरा है / सतीश कुमार सिंह
ख्वाहिशों के जंगल में
परिवर्तन की आस लिए
कौन कितनी बार मरा है
मौत यह बात
अच्छी तरह जानती है
सबसे पहले मरा वह
जिसने आग, पानी, हवा
और धरती, अंबर के रहस्य को
जानना चाहा तो
उसके विचारों पर
बहुत से लोगों ने जड़ा ताला
मरा वह भी कई-कई बार
जिसने सत्य और प्रेम को
ईश्वर कहा
दफनाए या जलाए जाने से पहले
कितनी बार मरा वह भी
जो सहमत नहीं था
इस बात से
कि कुछ भी नहीं
बदल सकता वह
न ले सकता है
ऐसा कोई फैसला
कि धरती ही बन जाए स्वर्ग
अब भी मरता है आदमी
जब इंसानी हक़ और
नैसर्गिक इच्छाओं की
पूर्ति के लिए
पुरजोर मांग रखते हुए
सवाल खड़े करता है
तो तिलमिलाता है हुक्मरान
लेकिन यह भी सच है
कि धर्म, समाज, सत्ता
की नजरों में
आज वे ही ज़िंदा हैं
भोगा है जिन्होंने
बार बार मरने का दुख