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ख़बर / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
कहीं नहीं छपी लेकिन सर्वाधिक महत्वपूर्ण खबर है
कि हवा बह रही है कल की तरह ताजा
कि फूल खिल रहे हैं कल की तरह महकदार
कि बच्चे दौड़ रहे हैं कल की तरह उन्मुक्त
कहीं नहीं छपी लेकिन सर्वाधिक महत्वपूर्ण खबर है
कि हॉकर बेच चुका है अखबार
कि दुनिया को नेस्तानाबूद करने की
कोई खबर आदमी तक नहीं पहुँची आज