एक गिलास चाँवल में
दो गिलास पानी डालें
चाँवल यदि नये
तो चार
अब उबालें
पक जायें जब चाँवल
यानी उंगलियों से दबने लगंे
तो पसायें
पसा हुआ पानी
फेकें मत
‘पसिया’ है यह
आपको पता नहीं शायद
आपकी जानकारी के लिये बताऊं
हमारे शहर की
झुग्गी झोपड़ियों में
अभावग्रस्त जीते लोग
इसमें नमक डाल
पेय सा पीकर इसे
दिनभर का
पेट भरते हैं ।