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खिलौनों की दुकान पर बच्चा / श्यामसुंदर भारती
Kavita Kosh से
रोते बच्चे को
गोद में लिए
वह खिलौनों की दुकान में घुसा
“अ ले ले
लो मत
यह देथ हाथी
यह घोड़ा
यह बंदर…
……अ ले ले लो मत ।”
उसने बच्चे को
नीचे उतार दिया
बच्चा कदम-कदम बढ़ाता चला
इतने खिलौनों में
बच्चे को एक चीज पसंद आई
उसने जाकर सीधे बंदूक उठाई ।
अनुवाद : नीरज दइया