करिया बदरा आकाध म संगी,
आपन मन के आथे।
भुईंयाँ हमर उजर गीस काय,
ओखर बर भाग जाथे।
बड़ दिन ले ऐ खेल देख के,
मोर मन हर डराथे।
खेत-खार हवे सुख्खा भांठा,
मोला रोना आथे।
करिया बदरा आकाध म संगी,
आपन मन के आथे।
भुईंयाँ हमर उजर गीस काय,
ओखर बर भाग जाथे।
बड़ दिन ले ऐ खेल देख के,
मोर मन हर डराथे।
खेत-खार हवे सुख्खा भांठा,
मोला रोना आथे।