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गठजोड़ / अशोक शुभदर्शी

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थोड़ोॅ देर बादे
बदली गेलै
चींखोॅ में
चीत्कारोॅ में
आरोॅ आँसू में

ई गठजोड़ जेॅ छेलै
मुस्कुराय वास्तें ।