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गरीबी हटाओ, समाजवाद लाओ / कौशल किशोर
Kavita Kosh से
वे चाहते हैं
मुझे देना
नारे, भाषण, आश्वासन...
मैं नहीं चाहता
इनमें से कुछ भी लेना
इस साल रिकार्ड उत्पादन हुआ
भरी जा सकती हैं उनसे
भूखों की अतड़ियाँ
पर भरी जा रही हैं उनसे
धन्नासेठों की तिजोरियाँ
यही तो है समाजवाद
नारा भी है कितना मोहक
हटाओ गरीबी
लाओ समाजवाद!