भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गलफर में जहर / 17 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
झूठमापक यंत्र केॅ
थाना पर लगाय केॅ
मिस्त्री ओय पर चैढ़ केॅ देखलकै
दस अंक के साथ
ऊ उतैर गेलै।
पब्लिक भी चढ़लै
जीरो पर आउट होय गेलै
थाना के लोगें भी अजमैलकै
ऊ सब तेॅ
एक-एक कैर केॅ अर्द्धशतक जमैलकै।
अनुवाद:
झूठमापक यंत्र को
थाना पर लगा कर
मिस्त्री ने उस पर चढ़कर देखा
दस अंक के साथ
वह उतर गया
लोग भी चढ़े
वे सभी जीरो पर आउट हो गये
थाने के लोगों ने भी अजमाया
उसने तो
एक-एक करके अर्द्धशतक तक जमाया।