भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गीली आँखों के ख़्वाब / प्रेरणा सारवान
Kavita Kosh से
उसने मेरे हाथ
अपने हाथों में लेकर
मुझसे कई बार पूछा कि
तुम्हारी चमकीली आँखें
गीली-गीली क्यों रहती है
तब मैंने उसे बताया कि
इन आँखों में जो ख्वाब है
वो ख़्वाब मैंने
उस लड़की कि आँखों से चुराए है
जिसका नाम बारिश है
शहर जिसका बादल है
घर जिसका सागर है
दिल जिसका पानी है
इसलिए मेरी आँखें
गीली गीली रहती है।