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घर का टूटना / भारत भारद्वाज
Kavita Kosh से
भले सरकारी मकान हो
लेकिन जिस घर में
आप रह रहे हों
दस साल से
जिस घर से
जुड़ा रहा है आपका सुख-दुख
कमरे से, दीवारों से, खिड़कियों से
आँगन से, छत से
उस घर को
टूटते हुए देखना
अपने अतीत को मिटाना है
वर्तमान में अकेला होना है।