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घुटन / नासिर अहमद सिकंदर
Kavita Kosh से
किसी धार्मिक प्रवचन में
नहीं मिलेगी आपको
इसकी परिभाषा
मैं कह सकता दावे से
आजादी की आधी सदी बाद भी
जो राष्ट्रभक्ति महसूस रहे आप
वह घुटन है
प्रधानमंत्री का बहुमत घोषित न होना
घुटन नहीं है
घुटन तो यह है
माँ दूसरे ‘अटेक’ के बाद
आई.सी.यू. में है
और आप किसी भय से
पहुँच नहीं रहे अस्पताल
घुट-घुट मरना
जो मुहावरा है
घुटन से बना है
और इस मुहावरे की उत्पत्ति
उस स्त्री से हुइ
जो शौहर के साथ रह रही
मुस्कान लिये
यह आत्महत्या करते व्यक्ति की
आखिरी दशा है
किसी जल की रानी का
अचानक महरूम किया जाना है
जल से
मौजूदा तंत्र में
नीति मंे
समय मंे
जी रहे चुप
यह चुप्पी !
घुटन है ।