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चांद निकला तो हमने वहशत में / नासिर काज़मी
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चांद निकला तो हमने वहशत में
जिसको देखा उसी को चूम लिया
रस के मानी जिसे नहीं मालूम
हमने उस रसभरी को चूम लिया
फूल से नाचते हैं होंटों पर
जैसे सचमुच किसी को चूम लिया।