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चालो सुनि चन्द्रमुखी चित्त में सुचैन करि / पद्माकर
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चालो सुनि चन्द्रमुखी चित्त में सुचैन करि,
तित बन बागन घनेरे अलि घूमि रहे.
कहै पद्माकर मयूर मंजू नाचत हैं,
चाय सों चकोरनी चकोर चूमि चूमि रहे.
कदम,अनार.आम,अगर,असोक,योक,
लतनि समेत लोने लोने लगि भूमि रहे.
फूलि रहे, फलि रहे,फबि रहे फैलि रहे,
झपि रहे,झलि रहे,झुकि रहे,झूमि रहे .