चेतु रे माली फुलबगिया के
बड़ी जुगुति ते साफु कीन तुयि
झंखरझार कटीले ।
दै दै रकतु प्रान रोपे रे
सुँदर बिरिछ छबीले ।
रहि ना जायं गुलाब के धोखे
काँटा झरबेरिया के।।
चेतु रे माली फुलबगिया के
बड़ी जुगुति ते साफु कीन तुयि
झंखरझार कटीले ।
दै दै रकतु प्रान रोपे रे
सुँदर बिरिछ छबीले ।
रहि ना जायं गुलाब के धोखे
काँटा झरबेरिया के।।