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छँवड़ा चिचिया के गावेला / रामरक्षा मिश्र विमल

छँवड़ा चिचिया के गावेला
बुधुआ सभके समझावेला

भाई खातिर तड़पेला दिल
रोजे भाई तड़पावेला

जे जतना कुछ कइले होला
टाइम पर ओतने पावेला
 
टङरी चाभे के लत हो तऽ
रोटी माखन ना भावेला

भूखे अदिमी पेट दबावे
कुक्कुर दुधवा ढरकावेला

मेहनत के चानी फीका बा
बिन मेहनत सोना आवेला