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जब खुलेगी आँख / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
एक तारा
जो कभी होगा
टिमटिमाता है अभी
नहीं हूँगा जब
मैं भी टिमटिमाऊँगा
टिमटिमाता था
नहीं था तब भी।
काल के पट पर
मँडी है अमिट छवि मेरी
जब खुलेगी आँख
मैं दिख जाऊँगा।
(1981)