गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 14 जून 2017, at 08:49
जमी गोळ / मनोज देपावत
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
मनोज देपावत
»
थार-सप्तक-3
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
म्हूं सोचूं
किंया मिळता
पाछा
बिछड़्योड़ा लोग
जै नीं होंवती
जीम गोळ।