मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जय हो बजरंगबली वीर बंका
छन मे जरायल सोने केर लंका
किनकर पुत्र छथि किनकर सेवक
सिया के सुधि लीन्ह आय लंका
अंजनि के पुत्र छथि रामचन्द्र के सेवक
सीता के लए पहुँचाओल अयोध्या
जय जय हो बजरंगबली वीर बंका
छन मे जरायल सोने केर लंका