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जानती हूँ कि तुमको खोना है / मधुरिमा सिंह
Kavita Kosh से
जानती हूँ कि तुमको खोना है ।
आओ हँस लें कि फिर तो रोना है ।
हमको अपना पता भी याद नहीं,
तेरी आँखों का जादू - टोना है ।
जो हथेली पे था हिना से लिखा,
नाम वो आँसुओं से धोना है ।
हादसे और कितने बाक़ी हैं,
आज हो जाए, कल जो होना है ।
हर तरफ़ प्यार, प्यार, प्यार उगे,
बीज ऐसा दिलों में बोना है ।
मौत और ज़िन्दगी का अर्थ है क्या,
साँस का जागना है, सोना है ।
तू अभी तक बसा है साँसों में,
तुझसे महका ये कोना-कोना है ।