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जिजीविषा / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
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विपत्तिक पहाड़ टुटलाक बादो
सभ किछु सहि लै छै मनुक्ख।
ककरो प्रेमी सनकि जाइ छै
ककरो बेटी उढ़रि जाइ छै
केओ ओछाओन पर पड़ल-पड़ल कुहरैत रहै छै
केओ देह बेचै पर नचार भऽ जाइ छै
ककरो मोन अयना-जका चनकि जाइ छै
तइयो ओकरा बचा कऽ रखै छै
ओकर जिजीविषा।