भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवन गोयां डिकशनरी / अमुल चैनलाल आहूजा 'रहिमी'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जीवन
बणियो आहे
डिकशनरी हिक वॾे में वॾी
जुड़नि पिया इन वास्ते
अल्फाज़ नित नवां नवां
वेंदो वधी तुल्फ अॻु खां वधिजे
करे किनारे
नफी अल्फाज़
गॾियूं गोॾो शफी
घणी चोॼ मां!