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झंडा अपना / सुरेश विमल
Kavita Kosh से
लगता है गुलदस्ते जैसा
झंडा अपना प्यारा।
झूमे फूलों की डाली-सी
लहराए बल खाए
आजादी की ख़ुशबू से
कोना-कोना महकाए।
तीन रंग के इंद्रधनुष का
सब दुनिया से न्यारा।
चलो हाथ से हाथ
कदम से क़दम मिलाए
मिलकर इस झंडे की
आओ हम जय गाएँ।
इससे ही सारे जग में
ऊंचा नाम हमारा।