टूट्या के बाद बधावा / 3 / राजस्थानी
परण पधारीयो म्हारो दुलवो बिनणी जी, कठोडा रा बाजा म्हारी सैया बाजीया।
कठोड तो गुड्या छ निशाण, परण पधारे म्हारो दुलवो बिनणी जी।
जनकपुर में बाज्या म्हारी सैया बाजीया, अयोध्या में गुड्या छ निशाण। परण...
किसडो तो लाद्यो म्हारा दुलवा सासरोजी, कितरा सालारी ए जोड। परण...
समंदर सरिसो म्हारी सैया सासरोजी, सात सालारी छ जोड। परण...
किसडी तो लादी म्हारा दुलवा बिनणी जी, कितनी साल्यारी छ जोड। परण...
कितरो तो दिनो म्हारा दुलवा दायजो, कितरो तो भरीयोजी भात। परण...
दोवड दिनो म्हारी सैया दायजोजी, चोवड भरीयो छै भात। परण...
कठोड उतारू म्हारा दुलवा बिनणीजी, कठोर उतारू दात। परण...
मेहला उतारो म्हारो दुलवा बिनणीजी दात उतारो चतर साल। परण...
दात लुगाया म्हारा दुलवा देखसीजी माटो तो खोलली माय। परण...