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तितली रानी / निशान्त जैन
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गुनगुन करती तितली आई,
बच्चों के मन को है भाई।
टिंकू-टीना-टुनटुन-टिल्लू,
मिलकर सबने दौड़ लगाई।
लाख कोशिशें करने पर भी,
तितली रानी पकड़ न आई।
मदमाते-मुसकाते-मधुरिम,
फूलों पर लेती अँगड़ाई।
खुशबू की इतनी दीवानी,
मँडराती ही पड़े दिखाई।
मैडम! मुझको तितली रानी,
लगती शरमाई-सकुचाई।