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तिल्लीसिंह / रामनरेश त्रिपाठी
Kavita Kosh से
पहने धोती कुरता झिल्ली,
गमछे से लटकाए किल्ली,
कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली,
तिल्लीसिंह जा पहुँचे दिल्ली!
पहले मिले शेख जी चिल्ली,
उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली,
चिल्ली ने पाली थी बिल्ली,
तिल्लीसिंह ने पाली पिल्ली!
पिल्ली थी दुमकटी चिबिल्ली,
उसने धर दबोच दी बिल्ली,
मरी देखकर अपनी बिल्ली,
गुस्से से झुँझलाया चिल्ली!
लेकर लाठी एक गठिल्ली,
उसे मारने दौड़ा चिल्ली,
लाठी देख डर गया तिल्ली,
तुरंत हो गई धोती ढिल्ली!
कसकर झटपट घोड़ी लिल्ली,
तिल्लीसिंह ने छोड़ी दिल्ली,
हल्ला हुआ गली दर गल्ली,
तिल्लीसिंह ने जीती दिल्ली!