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तुम्हारी आँखें चमक रही हैं / गुन्नार एकिलोफ़
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तुम्हारी आँखें चमक रही हैं
सुर्ख़ शराब से
मैं कैसे बुझाऊँ उनकी चमक?
-- सिर्फ़ भर कर उन दोनों की चुस्कियाँ
चुम्बनों से
एक और एक के बाद दूसरी
फिर तुम उन्हें भरो एक बार और
पीली शराब से
जिसे मैं चाहता हूँ
सबसे ज़्यादा ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधीर सक्सेना