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तू तो एक बहाना था / विज्ञान व्रत
Kavita Kosh से
तू तो एक बहाना था
हमको धोखा खाना था
मौसम रोज सुहाना था
उनका आना-जाना था
आईना दिखलाना था
उसको यूँ समझाना था
आज जमाना क्या जाने
हमसे एक जमाना था
कबिरा वाली चादर का
मैं ही ताना बाना था