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तेरी मोहनी सूरत / परवीन शाकिर
Kavita Kosh से
हाँ मुझे नहीं परवा
अब किसी अँधेरे की
आने वाली रातों के
सब उदास रस्तों पर
एक चाँद रोशन है
तेरी मोहनी सूरत