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तेरे बिन सूने नयन हमारे / शैलेन्द्र
Kavita Kosh से
तेरे बिन सूने, नैन हमारे
हाय! तेरे बिन सूने
बाट तकत गये साँझ सखारे
हाय! तेरे बिन सूने
रात जो आये ढल जाये प्यासी
दिन का है दूजा नाम उदासी
निन्दिया न आये अब मेरे द्वारे
हाय! तेरे बिन सूने ...
जग में रहा मैं जगसे पराया
साया भी मेरा मेरे साथ न आया
हँसने के दिन भी रोके गुज़ारे
हाय! तेरे बिन सूने ...
ओ अनदेखे, ओ अनजाने
छुप के न गा ये प्रेम तराने
कौन है तू मोहे अब तो बता रे
हाय! तेरे बिन सूने ...