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तेरे मेरे मिलन की ये रैना / मजरूह सुल्तानपुरी

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तेरे मेरे मिलन की ये रैना \-२
नया कोई गुल खिलायेगी \-२
तभी तो चंचल हैं तेरे नैना
देखो ना देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना

आऽ आऽ
( नन्हा सा गुल खिलेगा अँगना
सूनी बय्याँ सजेगी सजना ) \- २

जैसे खेले चंदा बादल में
खेलेगा वो तेरे आंचल में

चंदनिया गुनगुनायेगी \- २
तभी तो चंचल हैं तेरे नैना
देखो ना

देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना

( तुझे थामे कई हाथों से
मिलूंगा मदभरी रातों से ) \- २

जगा के अनसुनी सी धड़कन
बलमवा भर दूंगी तेरा मन

नई अदा से सतायेगी \- २
तभी तो चंचल हैं तेरे नैना
देखो ना

देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना
नया कोई गुल खिलायेगी \-२
तभी तो चंचल हैं तेरे नैना
देखो ना देखो ना
तेरे मेरे मिलन की ये रैना