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दादा एक अमरेनदर छै / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

दादा एक अमरेनदर छै
लेखक बड़ोॅ लिखनदर छै

कविता में करलक ढेरी नाम
करने छै ढेरेॅ-ढेरे काम

किताब लिखी ढेंगरैनेॅ छै
सब विधा में ढेरी लिखने छै

अंग अंगिका हिनका प्यारोॅ
जानोॅ से बेशी छै न्यारोॅ

साहित्ये हिनकोॅ प्राण छेकै
माय रो बोली जान छेकै

अंगदेशोॅ रो गावै छै गीत
अमरेनदर छै सबरो मीत।