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दुःख के धागे / मलय

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चेहरे पर बिखरे हुए
दुःख के धागे
गोया लिखी काली रेखाएँ
धुआँ-सी

धँसी आँखों में दिखता-देखता
चमकता प्रकाश
मेरी जुबान पर तैर आया
आग का स्वाद
स्वाद आग का!