दो हजार का नोट गुलाबी मिरतुँजे ललचाए
ज्यों बर्रों ने दौड़ाया हो भगे बैंक को आए
सुना चिप्प होगी घुसखोरों को धर लावेगी
यही करन्सी जड़ से भ्रष्टाचार मिटावेगी
लाइन लगे कई दिन बीते खाए कितनी चोट
ढाई सौ का घूस दिए तब पाए जुलमी नोट
नोट देखि के लुल्ल हो गए कहीं मिला ना छुट्टा
घर से भूँजी भाँग नदारत छील रहे अब भुट्टा
जुलमी नोट भँजेगा केहि बिधि सोच-सोच घबराए
साँप छछून्दर की गति ह्वै गइ रात को नीन्द न आए