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धन-धन सै सद्दाम तनै / रणवीर सिंह दहिया

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नफेसिंह को सरतो की लिखी चिट्ठी मिलती है। सरतो ने नफेसिंह के लिए चिन्ता जताई है। वह लिखता है कि पहले हमले के बाद से इराक पर प्रतिबन्ध लगा है। 5 लाख बच्चे भूख के कारण व बीमारी में दवाई की कमी के कारण मर चुके हैं। पिछले हमले से ही इराक उबर नहीं पाया है। इराक के तेल को दूसरे देशों में भेजने पर रोक है। परन्तु फिर भी लोग सद्दाम को बहुत चाहते हैं। हां कुर्द लोग तथा एकाध सम्प्रदाय के लोग जरूर सद्दाम को दूसरी नजर से देखते हैं। इराक के लोग व सद्दाम वे बारे में क्या सोचते हैं वह लिख कर भेजता है।

धन-धन सै सद्दाम तनै, बुश की थामी लगाम तनै
विश्व याद करै तमाम तनै, यो तेरा नाम अमर होग्या॥

दोगली नीति अमरीका की, धौंस पट्टी अमरीका की
बुश नै डंडे का जोर दिखाया, इराक बिना बात चोर बताया
तनै संघर्ष का दौर सिखाया, यो तेरा नाम होग्या॥

अमरीका की सेना भारी सै, बेशरमी चौड़े मैं दिखारी सै
इराक झुकाना आसान कड़ै, बुश तनै यो उनमान कड़ै
फांसी तै मरया सद्दाम कड़ै, उसका नाम अमर होग्या॥

सद्दाम नै हंस कै फांसी खाई, नकाब ओढण की करी मनाही
दुनिया तै दिया सही पैगाम, बुश तो चाहता तेल तमाम
अमरीका कै कसो लगाम, यो तेरा नाम अमर होग्या॥

इराकी बहादुरी दिखावैंगे, कोन्या अपना शीश झुकावैंगे
रणबीर सिंह का गाम बरोना, सिख्या मुश्किल छन्द पिरोना
अमरीका का काम घिनोना, ये तेरा नाम अमर होग्या॥