इक लड़की है
जो उदासी की छाँव में बैठी भी
फूल बीज लेती
और फूल खिल पड़ते
अक्षर बीजती
तो कविता खिल पड़ती
वह प्यारी सी लड़की
उदासी की छाँव-छाँव चलती भी
अपने आप की धूप जी लेती है
इक लड़की है
जो उदासी की छाँव में बैठी भी
फूल बीज लेती
और फूल खिल पड़ते
अक्षर बीजती
तो कविता खिल पड़ती
वह प्यारी सी लड़की
उदासी की छाँव-छाँव चलती भी
अपने आप की धूप जी लेती है