बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
नई आयी गोलिनिया दधि लै ले सलोने श्याम
पत्ता टूटौ डार से कि लै गा पवन उड़ाय
यारी छूटै यार से कि या दुख कहां समाय
नई नई आई गोलिनिया दधि लै ले सलोने श्याम
नई आयी गोलिनिया दधि लै ले सलोने श्याम
पत्ता टूटौ डार से कि लै गा पवन उड़ाय
यारी छूटै यार से कि या दुख कहां समाय
नई नई आई गोलिनिया दधि लै ले सलोने श्याम