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नमक / सुधीर सक्सेना
Kavita Kosh से
बाज़ार में हमारे देखते-देखते
नदारद हो गया है खड़ा नमक
और उसकी जगह पसरी हुई हैं
पिसे नमक की थैलियाँ,
देखने में अब नमक नमक नहीं लगता
लगता है धुलाई का पावडर बेमिसाल
सरकारी इश्तहारों को देखो
तो वहाँ भी सिरे से गायब है नमक
महानगरों और राजधानी में ही नहीं वरन सर्वत्र
अगर १२ पाइंट में लिखा है नमक
तो बड़े-बड़े लोगोटाइप में अंकित है आयोडीन ।